Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -02-Jul-2023... एक दूजे के वास्ते... (24)

रोहित मन ही मन सोच रहा था... पता नहीं ऐसा क्या हैं....तुम मे रश्मि.....मैं पहली नज़र में तुम्हें अपना मान बैठा हूं....। तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। तुम्हें दुनिया कि हर खुशी देना चाहता हूँ। तुम्हारी सादगी ने मेरा सब कुछ तुम्हारे नाम कर दिया हैं.....। प्लीज ......रश्मि एक बार उठ जाओ.....। एक बार मुझे गले लगा लो रश्मि......।

तभी खिड़की से हवा का एक तेज झोंका आया....। रश्मि के चेहरे पर उसके बाल बिखर गये।

रोहित ने अपनी उंगलियों से उसके चेहरे पर आ रहें बालो को ठीक किया....। उसने अभी भी रश्मि का हाथ पकड़ा हुआ था।

खिड़की से बार बार आ रही हवा को रोकने के लिए रोहित उठकर खिड़की बंद करने के लिए जाने लगा....।

वो जैसे ही उठा.....रश्मि ने उसका हाथ थाम लिया....। रोहित वापस पलटा तो देखा रश्मि अभी भी बेहोश थी.....वो बेहोशी में बोल रही थी--मुझे छोड़ कर मत जाओ....मत जाओ.....मत जाओ....।

रोहित कि आंखों में आंसू बहने लगे.....। वो रश्मि के पास आया ओर बोला :- कही नहीं जा रहा हूँ तुम्हें छोड़ कर रश्मि.....। कही नहीं......। रोहित ने ऐसा कहते हुए उसके माथे पर  किस किया.....ओर रश्मि को गले लगा लिया। फिर वही रश्मि के साथ ही उसे गले लगा कर सो गया....।

ना जाने कब सुबह हो गई रोहित को पता ही नहीं चला। कुछ देर बाद नर्स अंदर आई....। उसने आकर रोहित को उठाया। रोहित हड़बड़ाता हुआ उठ गया। वो रश्मि के बैड से उठ कर पास में रखी कुर्सी पर बैठ गया।नर्स ने रश्मि को चेक करते हुए रोहित से पुछा :- सर रात को कितनी बार होश आया था इन्हें...।

रोहित ने कहा:- एक बार आया था। कुछ बोल भी रही थी.....बेहोशी में....।

नर्स- :ओके सर।। अभी घबराने की बात नहीं है इनको शायद कुछ देर में होश आ जाएगा। ऐसा कहकर नर्स बाहर चली गई।

तभी रोहित का फोन बजा। रोहित ने फोन देखा तो अलका का फोन था।

हैलो......अलका।

हैलो रोहित......रश्मि कैसी हैं.....! क्या बात हुई रात को डाक्टर से.....वो ठीक तो है ना......पुरी रात में फोन नहीं किया.......क्या हुआ हैं....?

रश्मि ठीक हैं.....अलका.....। अभी होश नहीं आया हैं......पर थोड़ी देर में आ जाएगा। नर्स अभी चेक करके बता रही थी....। रात को मैंने जानबूझकर फोन नहीं किया....। तुम ओर आंटी थोड़ा आराम कर सको इसलिए....।तुम्हे वहाँ कोई दिक्कत तो नहीं हुई ना....? आंटी ठीक हैं....?

हां रोहित आंटी ठीक हैं..., और यहाँ भी सब ठीक हैं। रोहित मैं अभी आ रही हूँ हास्पिटल....।

ठीक हैं.....आ जाओ, पर मेरे जो आदमी भेजे हुए हैं .....उनके साथ ही आना अकेले मत आना...। मैं उनसे बात कर लेता हूँ।

ठीक हैं....रोहित....। बाय।

रोहित ने बाय बोलकर फोन रख दिया।

वही दुसरी ओर रिषभ अपने किसी दोस्त के घर से अपने वकील को फोन करता हैं....।

हैलो प्रकाश....।

हैलो रिषभ....। कैसे याद किया आज मुझे....।

मैं तुम्हे कुछ प्रोप्रटी के पेपर्स भिजवा रहा हूँ.....अपने किसी आदमी के साथ.......वो सारे पेपर्स एक बार चेक कर लो....तुमने जैसे कहा था वैसे ही मैंने रोहित के साइन ले लिए....।

ठीक हैं रिषभ .......भिजवा दो मैं सब पेपर्सएक बार चेक कर लेता हूँ।

ओके.. थैंक्स।

रिषभ ने फोन रख दिया।

रिषभ ने फिर किसी ओर को फोन किया ओर बोला :- क्या अपडेट हैं...?

सामने से आवाज आई- सर आपके फादर को ओर सारे लोगो को अरेस्ट कर लिया हैं....। ओर उस लड़की को अभी तक होश नहीं आया हैं.....।

ठीक हैं.......रोहित कहां है अभी.....?

सर वो अभी भी हास्पिटल में ही हैं...।

ठीक हैं...., तुम मुझे इस नम्बर पर समय समय पर न्यूज़ देते रहना।

ऐसा कहकर रिषभ ने फोन रख दिया।

रिषभ ने अपने उसी दोस्त के हाथों अपने सारे पेपर्स अपने वकील को भिजवा दिए।

दुसरी ओर अलका और रश्मि की मम्मी भी हास्पिटल पहुँच गई थी....।

रोहित रश्मि को होश आया.....। अलका ने हास्पिटल में आते ही पुछा...।

नहीं अलका। अभी अभी दोनों डाक्टर रश्मि के कमरे में गए हैं....।

तीनों रश्मि के कमरे के बाहर खड़े हो गए...।

थोड़ी देर में नर्स बाहर आई ओर तीनों को अंदर बुला लिया। वो तीनों भीतर गए।

अंदर जाते ही डाक्टर ने तीनों से कहा :- देखिए अभी थोड़ी देर में रश्मि को होश आ जाएगा। लेकिन आप तीनों को ऐसी कोई बात उनके सामने नहीं करनी है जिस से उनके दिमाग पर कोई जोर पड़े। रश्मि को क्या याद हैं.....क्या नहीं.....वो उसको खुद ही बताने देना। हमें रश्मि से कुछ भी नहीं पुछना हैं....।

रोहित ने कहा :- ठीक है सर। हम तीनों ध्यान रखेंगे। अगर उसने कुछ भी पुछा तो एक जैसा ही जवाब देंगे। बस रश्मि उठ जाए। हमारे लिए वो ही सबसे ज्यादा मायने रखता हैं....।

डाक्टर्स ने रोहित के कंधे पर हाथ रखते हुए बोले:- डोंट वरी रोहित। ऐवरी थींक विल भी फाईन। वी ऑल होप वैल। हम सभी बाहर जा रहें हैं..... यहाँ हम सभी को देखकर हो सकता हैं वो ज्यादा सवाल जवाब करें....। ऐसा कहकर वो ओर नर्स बाहर चले गए।

रोहित ने अलका ओर रश्मि कि मम्मी को सब समझा दिया कि उनको क्या कहना हैं।

कुछ देर बाद ही रश्मि को होश आने लगा....। रश्मि ने अपना एक हाथ अपने सिर पर रखा ओर दर्द से कराहने लगी।

तीनों तुरंत उसके पास आकर खड़े हो गए। अलका  उसके सिर के पास आकर बोली :- रश्मि.....कैसी हैं मेरी जान.....।

रश्मि ने हल्की सी मुस्कान के साथ उठने की कोशिश करते हुए कहा :- अलका..!! मैं यहाँ.... मुझे क्या.....

अलका ने उसे तुरंत सहारा दिया ओर बोली:- तु लेटी रह रश्मि.....। वो तु बस गिर गई थीं.... इसलिए सिर में थोड़ी चोट आई हैं.....।

रश्मि ने अपने दोनों हाथ अपने सिर पर रखकर बोला :- मेरे सिर में बहुत दर्द हो रहा हैं....अलका!

रोहित बैड के दुसरी साइड आया ओर रश्मि को सहारा देते हुए बोला :- घबराओ मत! थोड़ी देर में दर्द ठीक हो जाएगा। तुम बस आराम करो.....।

रश्मि रोहित को देख कर चौंकते हुए बोली:- सर आप यहाँ....? आप हास्पिटल में...

रोहित ने बीच में टोकते हुए बोला... क्युं मैं बिमार नहीं हो सकता क्या......। मैं यहाँ अपने इलाज के लिए आया था तो अलका को देखा....इसलिए यहाँ आ गया....तुम्हारा हालचाल पूछने....।

रश्मि हल्के से मुस्कुरा दी....।

तभी रश्मि की मम्मी भी रश्मि के पास आई ओर बोली :- तु बस आराम कर, ओर कुछ मत सोच।

रश्मि :- मम्मी आप यहाँ क्यूँ आई हैं.....? आपकी तबीयत वैसे ही ठीक नहीं हैं....।

मैं अभी ठीक हूँ....।

पर मम्मी अभी हम डाक्टर के पास गए ही कहा हैं। हम जाएंगे तो पता चलेगा ना कि आप कितनी ठीक हैं.....।

रश्मि अलका की तरफ देखते हुए बोली :- अलका..... प्लीज हो सके तो तु भी चल ना मेरे साथ कल...।

कहाँ चलना हैं.... रश्मि....!

अरे..... तुझे बताया था ना.... वो दीदी ने दिल्ली के डाक्टर के लिए बताया था.... मम्मी के इलाज के लिए...। राहुल को बोल दे की तेरी भी टिकट करवा दे....।

ये सुनकर उन तीनों के जैसे होश घुम हो गए....। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या कहें, क्या करे....।

रोहित ने अपने आप को संभालते हुए कहा :- हाँ, चलेगी क्यूँ नहीं.....तुम्हें कभी मना किया है क्या इसने....।

लेकिन सर ये आपको कैसे पता.....!

रोहित थोड़ा सोचते हुए :- अरे पुरे कालेज में तुम्हारी दोस्ती के किस्से मशहूर हैं......। पता कैसे नहीं होगा.....।

हां रश्मि चलुंगी.....। पर पहले तु ठीक तो हो जा....।

पर अलका मुझे हुआ क्या हैं.....। मैं यहाँ कैसे......मुझे कुछ याद क्यूं.....नही आ रहा हैं.....।

अलका कि आंखों में आंसू भर आए वो कुछ बोल नही पाई। उसने अपना चेहरा घुमा लिया ओर अपने आंसू पोंछने लगी। रोहित ने उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला :- संभालो अपने आप को....।

रश्मि ने अलका को देखते हुए कहा :- क्या हुआ अलका तुने बताया नहीं.....क्या हुआ हैं....मुझे....?

अलका कुछ बोलती उस से पहले डाक्टर अंदर आए।

डाक्टर ने आते ही रश्मि को चेक किया ओर बोला :- अब कैसा महसुस हो रहा हैं रश्मि....। सिर में दर्द हैं.....अभी!

हां सर थोड़ा थोड़ा सा हैं.......पर मुझे क्या हुआ हैं.....। मुझे कुछ याद क्यूँ नहीं आ रहा हैं...!

डाक्टर फिर से रश्मि के सिर को चेक करते हुए:- कहाँ दर्द हैं.......रश्मि .......यहाँ.... डाक्टर ने जैसे ही उस जगह हाथ लगाया रश्मि के मुंह से आह निकल गई......। उसकी आँखों से आंसू बहने लगे। वो कराह रही थी....। कराहते हुए बोली :- हां ... सर.....

रश्मि को ऐसे तकलीफ में देखकर रोहित और अलका कि आंखों से भी आंसू बहने लगे।

रोहित ने अपने हाथ की मुठ्ठी बाँध ली ओर वहाँ से दूर खिड़की की ओर चला गया।।

डाक्टर ने कहा :- टेंशन मत करो......कुछ दिनों में दर्द ठीक हो जाएगा.....। बस तुम समय पर दवाई लेती रहना ओर आराम करना.....।

डाक्टर ने रोहित को अपने पास बुला कर कहा :- रोहित तुम मेरे साथ आओ......मुझे कुछ बात करनी हैं.....। रोहित अपने आंसू पोछंता हुआ डाक्टर के साथ चला गया।

रश्मि डाक्टर के जाते ही फिर से बोली:- अलका बता ना यार, मुझे क्या हुआ हैं, मुझे इतना दर्द क्युं हो रहा हैं..... ये डाक्टर सर को क्यूँ साथ लेकर गयें....!!

अलका अपने आप को संभालते हुए:- क्योकि तु इतनी बकबक जो करती हैं.....दर्द तो होगा ना। कुछ नहीं हुआ हैं यार.... वो तु घर पर फिसल गई थीं.... काम करते हुए.... बस इसलिए थोड़ी चोट आई हैं....। आंटी अकेली थीं.... इसलिए मुझे बुला लिया...। अभी तु....आराम कर .....सिर्फ आराम.....। सब बातें बाद में कर लेंगे.... मैं तेरे लिए ओर आंटी के लिए कुछ खाने को लेकर आती हूँ....।

ऐसा कहकर अलका बाहर आ गई।

हास्पिटल के बरामदे में आकर वो जोर जोर से रोने लगी। रोते रोते वो वही जमीन पर बैठ गई....।

रोहित डाक्टर के केबिन से बाहर आया तो उसने अलका को ऐसे जमीन पर बैठे रोते हुए देखा...। वो भागकर अलका के पास गया ओर उसको गले लगाते हुए बोला :- संभालो अपने आप को अलका.....प्लीज....। मैंने डाक्टर से बात की है अभी... सब ठीक हैं। उनको अंदर जो भी हुआ सब बता दिया....तो उन्होंने कहा की....

क्या कहा.....रोहित?

अलका शायद रश्मि को दिल्ली की कोई भी बात याद नहीं हैं। यहाँ आना, उसके साथ वो हादसा, वो सब भूल चुकी हैं। उसके सिर के पीछे चोट आई हैं....उसी वजह से। डाक्टर का कहना है शायद वक़्त के साथ साथ उसे धीरे धीरे सब याद आ जाए, या फिर कभी कुछ याद ना भी आए.....पर अभी उसे अपने दिमाग पर थोड़ा भी जोर नहीं देना हैं.....। क्योंकि ये उसको नुकसान पहुंचा सकता हैं....रही बात उसके दर्द की तो दवाईयां दी है.......डाक्टर ने ......कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा। फिलहाल उसे सिर्फ आराम करना हैं।

लेकिन रोहित हम अभी दिल्ली में हैं...., ये बात हम रश्मि से कैसे ओर कब तक छुपा सकते हैं.......यहाँ हर जगह दिल्ली की छाप हैं.....।

मैनें डाक्टर से उसके लिए भी बात कर ली हैं.....हमें जल्द से जल्द यहाँ से वापस जाना होगा.....। कैसे जाना हैं.....वो भी रास्ता मैंने पुछ लिया हैं.....। अभी बस तुम्हें हिम्मत से मेरा साथ देना हैं.....।

वो तो ठीक हैं.....रोहित.... पर....

अभी पर वर छोड़ो....चलो उठो ओर अभी अंदर चलो....। मैं कुछ खाने का इंतजाम करके आता हूँ....।

अलका अपने आप को संभालती हुईं अंदर जा ही रही थी कि उसे राहुल का फोन आया।। अलका ने फोन उठाया....।

हैलो.....! अलका!!

हां राहुल!

हद कर दी यार तुम लोगो ने.....। वहाँ जाकर ना कोई फोन, ना कोई मेसेज.....। मेरा कल से दिल बैठा जा रहा हैं....। रश्मि को भी कितने मेसेज किए.....कोई जवाब नहीं....। क्या हुआ हैं...क्या बात हुई डाक्टर से....? आंटी ठीक तो है ना....? तुझे तो सब पता हैं ना अलका.....मैं रश्मि से कितना..... फिर भी तुने...

राहुल सब ठीक हैं....। रश्मि भी.....ओर आंटी भी.....। बस हम कल वापस आ ही रहे हैं फिर बात करते हैं....।

यार अलका.....प्लीज एक बार रश्मि से बात करवाओ ना....। पता नहीं क्यूँ......मेरा दिल बहुत बैचेन हो रहा हैं....। ऐसा लग रहा हैं.......जैसे कुछ हुआ हैं......। उसका फोन भी बंद आ रहा हैं........मैंने पहले उसे ही फोन किया। मेसेज भी किए हैं.......बहुत....

राहुल में तो अभी रश्मि के साथ नहीं हूँ...., वो मैं अलग रह रही हूँ.....ना। मैं शाम को उस से मिलने वाली हूँ......फिर बात करवाती हूँ ना....। ठीक हैं.....।

ठीक हैं......पर याद से....।मैं एक बार ट्राय करता हूँ.... शायद उठा ले.... चल रखता हूँ....

अलका घबरातें हुए :- नहीं राहुल...वो अभी हास्पिटल में होगी ना.....अभी मत करो फोन.....। मैं शाम को करती हूँ....फोन....तुझे....।

राहुल- ओहह! ठीक हैं।रखता हूँ अभी......बाय....।

राहुल ने फोन रख दिया तो अलका ने राहत की सांस ली....।

थैंक्स टु गाड की रश्मि का फोन बंद हैं.....ओर उसने मेसेज नही देखें.....। मुझे सबसे पहले वो मेसेज डिलीट करने होंगे।। अगर उसमें राहुल ने दिल्ली से जुड़ी कोई बात लिखी होगी तो मुश्किल आ जाएगी....।

ऐसा सोचते हुए अलका फटाफट रश्मि के कमरे की ओर चल दी....।

कहानीकार प्रतियोगिता....


क्या रश्मि के सामने कभी दिल्ली में हुवे हादसे की सच्चाई सामने आएगी...? क्या होगा जब राहुल को इस बारें में पता चलेगा..। जानते हैं अगले भाग में...।


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